Saturday, June 11, 2016

'Papa, Pappu & USA' - by K.J.S.Chatrath

Pappu: Papa, Papa.

Papa: Yes Pappu.

Pappu: Let us shift over to USA?

Papa: Why? We love our India. Don't we?

Pappu: Yes, but in USA passing class X means one has graduated while in India we have to study hard for 5 more years after Class X to become a graduate!

Papa: Go finish your school home work, you over-smart fellow!

Thursday, June 9, 2016

'पप्पु, पापा और योगा बाई नाईट '- .... के जे एस चतरथ

पप्पु: (अख़बार पढ़ रहा है) होगा योगा बाई नाईट चंडीगढ़ में...

पिताजी: क्या होगा चंडीगढ़ में रात में...यह तुम क्या पढ़ रहे हो?

पप्पु: 'होगा'  नहीं 'योगा' पिताजी ..

पिताजी: मैँ  कुछ समझा नहीं।

पप्पु: चंडीगढ़ में रात को योगा और भारत नाट्यम होगा। सर्व श्री रामदेव और रवि शंकर आ रहें है.

पिताजी:  पर  रात में क्यों?

पप्पु: दिन में इतनी गर्मी जो होती हे. अगर कोई भी न आया तो कच्ची  नहीं हो जाएगी ?

 पिताजी: जावो स्कूल का होम वर्क करो.

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Saturday, June 4, 2016

'पप्पु, पिताजी और तुकबन्दी' - के.जे. एस. चतरथ

पप्पु : (ऊँची आवाज़ में गा रहा है):
 
खाद की अब नहीं कमी ,
फसलों से लहलहा रही ज़मीन।

अबकी बार,
खुले बिज़नेस के द्वार.

अबकी बार,
मेरी रसोई चमकदार!

अबकी बार,
मिला अपना अधिकार

पिताजी: अरे ओ पप्पु। यह  सुबह सुबह यह क्या तुकबन्दी कर रहे हो?

पप्पु : तुकबन्दी नहीं, पिताजी, मैं सरकारी स्लोगन याद कर रहा हूँ.

पिताजी: क्यों ?

पप्पु:  परीक्षा में काम आएं गे.

पिताजी: क्या स्कूल के लेसन याद कर लिए है?

पप्पुअभी नहीं पिताजी (और चुपके  से खिसक लेता है).

Friday, June 3, 2016

टिटिलागढ़ वासीओ, कृपया मुझे क्षमां कर देना ! - के. जे. एस. चतरथ

Indicative map of Odisha showing Titilagarh


आज कल बहुत गर्मी पड़ रही है.

वह पुराने दिन भी याद आते हैं. अप्रैल १९७१ में मेरी पहली पोस्टिंग उड़ीसा के टिटिलागढ़ में इस. डी. ओ. के पद पर हुई.  वह १०,०००  के करीब आबादी वाला छोटा सा क़स्बा था. सरकारी बंगला तो नहीं था बस तीन कमरों का  टीन की छत वाला क्वाटर  बीच बाज़ार में था.  शौचालय क्वाटर से कोई ५० फुट की दूर पे था. पीने के पानी के लिये एक कुआँ था. बिजली तो थी पर आती जाती रहती थी.

 टिटिलागढ़ के चारों टर्फ पत्थर के टीले हैं और क़स्बा एक कटोरी की तरह स्थान में है. गर्मी वहां बहुत पड़ती है. असुविधा यह है की सूर्य ढलने पर भी गर्मी कुछ खास कम  नहीं होती. पत्थर दिन में ली हुई गर्मी छोड़ते हें.

उस साल गर्मी कुछ ज़्यादा ही पड़ी. रेडियो में सुना की टिटिलागढ़ देश का सुब से गर्म स्थान था. एक दिन किसी ने बताया की पारा ५०  डिग्री पार कर गया है. कोई थर्मामीटर नहीं था मेरी पास इस बात को चेक करने के लिए. लेकिन गर्मी इतनी पड़ी की कस्बे के सब कुएं सूख गए. केवल दो कुँए नहीं सूखे - एक मेरे घर में और एक साथवाले तहसीलदार साहिब के घर में. सारा शहर  कुछ दिन इन्ही दो कुओं पर निर्भर था.

अब ४५ साल बाद मुझे दो बातें चुभतीं हैं. एक तो यह की हमें उन दिनों मसूरी अकैडमी यां उड़ीसा में ट्रेनिंग के दौरान कुछ ऐसी  चर्चा  कभी नहीं की गयी थी की ऐसी मूल मानवीय परिस्थितियों से कैसे निबटना चाहिये। दूसरा, और बड़ा दुख यह है की मैँ  वहां एक साल रहा और फिर ट्रांसफर हो गया, लेकिन मैं टिटिलागढ़ की पानी की इस कमी की समस्या के दूरगामी निवारण के लिए कुछ ठोस नहीं कर पाया.

 टिटिलागढ़ वासीओ, कृपया मुझे क्षमां कर देना !

Thursday, June 2, 2016

'Pappu, Papa & नारे बाज़ी' - by K.J.S.Chatrath

Pappu: (Shouting loudly)            
(i)                 Hum sab ki chah, desh chale yoga ki rah; हम सुब की चाह , योग की राह !
(ii)               Vikaswaad vs. Virodhwaad; विकासवाद बनाम विरोधाभास
(iii)             Abki bar, vikas ney pakdi rafter; अबकी बार विकास ने पकड़ी रह!
(iv)             Abki bar, mahilaon ko khushiyan apar; अबकी बार महिलाओं को खुशियां हज़ार !
(v)               Abki baar, badha karobar; अबकी बार, बढ़ा कारोबार!
(vi)             Abki bar, apna karobar; अबकी बार, अपना कारोबार!
(vii)           Abki bar, ORP yaar! अबकी बार, ओ. आर. पी.  यार !
(viii)     Abki baar, Jan Jan ka Uddhaar'! अबकी बार, जन जन का उध्धार .

 प्रगति के साल, भारतीय रेल बेमिसाल।

रेल बड़े, देश बड़े 
रेल हमसफ़र सप्ताह- सात दिन, सात मुहीम

२६  मई - स्वछता दिवस;
२७ मई - सत्कार दिवस;

२८  मईसेवI दिवस;

२९ मई - सतर्कता दिवस;

३० मई - सामंजस्य दिवस;

३१ मई - संयोजन दिवस, और

जून  - संचार दिवस


Papa:  यह क्या नारे बाज़ी हो रही है? What are you shouting Pappu?

Pappu: These are the achievements of our beloved government during the last two years.

Papa: You better leave these slogans to grown-ups. Go and finish your home work first, study hard or your achievement in the exam would  be terrible. 

Pappu: Yes Papa.  जी पिताजी!