Monday, August 19, 2013

'अभी तो मैं जवान हूँ...'

पाँच साल पहिले जब मैं नौकरी से रीटायर हुआ तो लगा मानो मैं आज़ाद हो गया हूँ. सेहत ठीक ठाक थी और मैने सोचा की 'अभी तो मैं जवान हूँ...'. उड़ीसा से आकर पंचकुला में पांचवीं मंजिल पर एक फ्लैट ले लिया. सामान खोलते मिटटी से जुकाम और ज्वर हो गया. फ्लैट की घंटी बजी और मैने दरवाज़ा खोला. सामने खड़ा सज्जन मुस्करा रहा था 'सर जी मैं राजू हूँ और यहाँ कूड़ा एकता करता हूँ. मेरे नाक से पानी बह रहा था और चेहरे से परेशानी साफ़ थी. राजू ने कहा 'सर जी बचपन बचपन है, जवानी जवानी है और बुढापा बुढापा है'. कल फिर आऊंगा जी कहकर राजू तो चला गया पर उसकी बात से मेरी सुन कर मेरी हालत और भी ख़राब हो गयी. मैने पहिली बार अपने आप को प्रश्न किया की क्या मैं बुड्डा हो गया हूँ. धीरे धीरे मैं यह घटना कुछ भूल सा गया.

एक साल बाद मैं एक त्रेच्किंग ग्रुप के साथ गढ़वाल पर्वतों मैं रूपकुंड के रहस्यमयी तालाब के लिये निकल पड़ा. बाकि सभी सदस्य तो जवान थे लेकिन मैं भी जोश से उनके कदम से कदम मिलाकर चलता रहा. तीसरे दिन जब हम कठिन रास्ते से जा रहे थे तो ऊपर से गुजरों का एक दल अपनी भैसों के साथ नीचे उतर रहा था . गुजर लोग तीखे शकल सूरत के थे और उनकी औरतें तो अति सुंदर थी. मैने एक गुजर को कहा 'सलाम औ लेय्कुम'. उसने हाथ हिला कर उत्तर दिया 'वा लाय्कुम सलाम' और कुछ क्षण बाद मुझ से पूछ 'बुड्ढा ठीक है'. मेरी तो हवा ही निकल गयी. मैने उपने आपको समझाने की कोशिश की की वेह एक सीधा सदा गुजर था और उसने तो शिष्टाचार के नाते मेरा हाल ही पुछा था. पर यह बात मुझे चुभ ही गयी.

समय गुजरता रहा और मुझे अपने बुढापे का धीरे धीरे अहसास होने लगा. गत सप्ताह मुझे दिल्ली में एक कार्यालय मैं किसी से मिलना था और मैं समय से करीब पंन्द्रह मिनिट पहिले ही पहुँच गया. क्यों न तब तक एक कप चाय का पिया जाये, मैने सोचा, और पहुँच गया साथ के टैक्सी स्टैंड के पास जहाँ एक व्यक्ति चाय बना रहा था. जब मेरी चाय बन गई तो चायवाले ने प्याला ला कर जहाँ मैं एक पत्थर पर बैठ था मुझे दिया. मैने उसे धन्यवाद कहा. पहली चुस्की लगाते ही मैने पाया की चाय बहुत अच्छी थी और मैने चायवाले को चाय की प्रशंसा की. थेंक्यू जी, उसने कहा, बस आप लोगों की सेवा करने बैठे हैं. मुझे यह सब बहुत अच्छा लगा. चायवाला टैक्सी स्टैंड की और गया और अपनी जगह एक छोटे लड़के को छोड़ गया. मैं बैठा रहा क्यों की मुझे अभी भी पाँच मिनिट गुजरने थे. कुछ समय बाद टैक्सी स्टैंड के पीछे से चायवाले ने चिल्ला के लड़के से पुछा "अरे क्या बुड्ढा पैसा देये गया है'. और उस लड़के ने उतनी ही ज़ोर से चिल्ला के कहा 'नही बुड्ढा अभी बैठा है.'

इस बार यह मुझे बिल्कुल बुरा नहीं लगा और मैं मन ही मन मुस्काया. ठीक ही तो कहा है उसने की मैं बुड्ढा हूँ - तो क्या हुआ?

(This was written 5 years back and was published in the Hindi Tribune)

"Marriage Ability Certificates"


Do you know that in Punjab "Marriage Ability Certificates" are issued to those who apply and fulfill the criteria- after publishing a notice in the newspapers?

Mukesh Ambani picks up stake in Epic TV


‘…Epic TV will be Mr. Ambani’s second broadcasting venture, as he already owns a considerable stake in the Network18 Group.
In January 2012, a shell company floated by Mr. Ambani had agreed to invest close to Rs. 2,000 crore in Network 18 and TV18 Broadcast, which runs channels such as CNBC TV18, CNN—IBN, and Colors, among others…. …’. http://www.thehindu.com/business/Industry/mukesh-ambani-picks-up-stake-in-epic-tv/article4895242.ece