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Sunday, February 4, 2018

'पिता, पुत्र और ३५० रूपए क नया नोट' ....के जे एस चतरथ

पुत्र : ओ बल्ले बल्ले जी। ..देश कितनी तरक्की कर रहा है !

पिताश्री : अब क्या हुआ ?

पुत्र : अब ३५० रूपए का नोट शुरू होगा। 

पिताश्री : तो ?

पुत्र : तो ? तो अब कल १७५ रुपए का नोट शुरू होगा. परसों ६६ रुपए का का और.... 

पिताश्री: चुप!

पुत्र : कंही रिज़र्व बैंक का यह सोचना  तो नहीं की इतनी डेनोमिनाशंस के नोट शुरू कर दें की जनता इन में  उलझी रहे और समझे की नोटों की बरसात हो रही है और देश बहुत अमीर हो  रहा है और बहुत तरक्की कर रहा है.....

पिताश्री: जा, जा कर स्कूल का होमवर्क करो....